इस लेख में, हम आपको भारतीय धर्मनिरपेक्ष,गांधीवादी, राजनेता और भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू की उम्र, विकी और जीवनी के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। इसके अलावा, आप लेख के अंत तक Jawaharlal Nehru के परिवार की तस्वीरें देख सकते हैं। तो, आइए हम उनके व्यक्तिगत, व्यावसायिक और राजनीतिक जीवन पर एक नज़र डालें।
जन्म और परिवार – Birth and Family
जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। जवाहरलाल नेहरू का पुरा नाम पंडित जवाहरलाल नेहरु था। इनके पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरु और माता का नाम स्वरूपरानी नेहरु था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद के एक विख्यात वकील थे।
जवाहरलाल नेहरू अपने पिता के इकलौते पुत्र थे उनके अलावा मोतीलाल नेहरू की दो पुत्रियां भी थीं। नेहरू जी की बड़ी बहन का नाम विजया लक्ष्मी था जो कि बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी और छोटी बहन का नाम कृष्णा हठीसिंग था जो कि एक अच्छी लेखिका थी।
नेहरू कश्मीरी वंश के सारस्वत ब्राह्मण थे। कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से उन्हें पंडित नेहरू के नाम से भी पुकारा जाता था।
Jawaharlal Nehru Education – जवाहरलाल नेहरू शिक्षा योग्यता
इनकी शुरूआती शिक्षा घर पर ही हुई। लेकिन बाद मे वे दुनिया के कुछ सबसे अच्छे स्कूलों और विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त की। 15 वर्ष की उम्र में 1905 में नेहरू इंग्लैंड के हैरो स्कूल में अपनी पढाई कि और उसके बाद नेहरू केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज पहुंचे जहां उन्होंने स्नातक कि डिग्री पूरी की। लंदन के इनर टेंपल में दो वर्ष बिताकर उन्होंने वकालत की पढ़ाई की। इंग्लैंड में उन्होंने सात साल व्यतीत किए जिससे वहां के फैबियन समाजवाद और आयरिश राष्ट्रवाद के लिए एक दृष्टिकोण विकसित हुआ।
Jawaharlal Nehru Marriage – जवाहरलाल नेहरू का विवाह
1912 में जवाहरलाल नेहरू इंग्लैंड से भारत लौटे और भारत मे वकालत की शुरूआत की। 1916 में कमला कौर से उनका विवाह हुआ। कमला कौर भी दिल्ली में बसे कश्मीरी परिवार से तालुक्कात रखती थी। 1917 में कमला नेहरू ने इंदिरा प्रियदर्शिनी को जन्म दिया जिन्हें हम इंदिरा गांधी के नाम से जानते हैं। जो भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी।
Jawaharlal Nehru Political Life – जवाहरलाल नेहरू का राजनैतिक जीवन
1917 में वे होम रूल लीग में शामिल हो गए। होम रूल लीग में शामिल के 2 साल बाद 1919 में वे राजनीतिक में प्रवेश कर गए। तभी उनका परिचय महात्मा गांधी से हुआ। उस समय महात्मा गांधी ने रॉलेट अधिनियम के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था। नेहरू, महात्मा गांधी के सक्रिय लेकिन शांतिपूर्ण, सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रति खासे आकर्षित हुए।
नेहरू ने विदेशी वस्तुओं का त्यागकरके खादी को अपना लिया और 1920-1922 के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से कूद पड़े और इस दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। गांधीजी ने स्वयं युवा जवाहरलाल नेहरू में आशा की एक किरण और भारत का भविष्य देखा।
पंडित जवाहर लाल नेहरू कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुने गए
पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1926 से 1928 तक, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव के रूप में सेवा भी की। कांग्रेस के वार्षिक सत्र का आयोजन साल 1928-29 में किया गया जिसकी अध्यक्षता उनके पिता मोतीलाल नेहरू ने की। उस सत्र के दौरान पंडित नेहरू और सुभाष चंद्र बोस ने पूरी राजनीतिक स्वतंत्रता की मांग का समर्थन किया था जबकि मोतीलाल नेहरू और अन्य नेता ब्रिटिश शासन के अंदर ही प्रभुत्व संपन्न राज्य चाहते थे। दिसम्बर 1929 में, लाहौर में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन का आयोजन किया गया।
जिसमें जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। इसी सत्र के दौरान एक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें ‘पूर्ण स्वराज्य’ की मांग की गई। इसके बाद 1936, 1937 और 1946 में जवाहर लाल नेहरू को कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुना गया था। जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रवादी आंदोलन में गांधी जी के बाद दूसरे नंबर के नेता बन गए।
1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन और आजादी के मुद्दे पर अंग्रेजी सरकार के साथ हुई वार्तालाप में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है।
जवाहर लाल नेहरू का संक्षिप्त जीवनी – Jawaharlal Nehru Biography
नाम | जवाहर लाल नेहरू |
पुरानाम | पंडित जवाहरलाल नेहरु |
जन्म | 14 नवंबर 1889 |
जन्म स्थल | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
राशि | वृश्चिक (Scorpio) |
पिताजी (Father) | मोतीलाल नेहरु |
माताजी (Mother) | स्वरूपरानी नेहरु |
बहन ( Sister ) | विजया लक्ष्मी, कृष्णा हठीसिंग |
भाई ( Brother ) | |
विवाह | विवाहित |
पत्नी (Wife) | कमला नेहरु (सन् 1917) |
Girlfriend | |
बेटा (Son) | |
बेटी (Daughter) | श्री मति इंदिरा गांधी (जन्म – 2001) |
निवास स्थान | इलाहाबाद, भारत |
स्कूल | केब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनटी कॉलेज |
कॉलेज | इनर टेंपल लंडन कॉलेज से बॅरिस्ट बॅरिस्टर की |
शिक्षा योग्यता | स्नातक (मानव संसाधन में विशेषज्ञता) Bachelor (Specialization in Human Resources) |
पेशा | नेता, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री |
मृत्यु | 27 मई 1964, नई दिल्ली |
पुरस्कार | भारत रत्न (1955) |
स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने
पंडित जवाहर लाल नेहरू गांधी जी के काफी करीबी दोस्त थे दोनों में पारिवारिक संबंध भी काफी अच्छे थे। ये भी कहा जाता है कि महात्मा गांधी के कहने पर ही पंडित जवाहर लाल नेहरू को देश का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया था।
1947 में वह स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। पाकिस्तान के साथ नई सीमा पर बड़े पैमाने पर पलायन और दंगे, भारतीय संघ में 500 के करीब रियासतों का एकीकरण, नए संविधान का निर्माण, संसदीय लोकतंत्र के लिए राजनैतिक और प्रशासनिक ढांचे की स्थापना जैसे विकट चुनौतियों का सामना उन्होंने प्रभावी ढंग से किया।
1955 में नेहरु जी को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत-रत्न’ से नवाज़ा गया।
नेहरू कुछ जगहो पर विफल रहे
नेहरू कुछ जगहो पर विफल रहे जैसे पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंधों में सुधार नहीं कर पाए। पाकिस्तान के साथ कश्मीर मुद्दा पर समझौते , वर्ष 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया जिसका पूर्वानुमान करने में नेहरू विफल रहे।
उस दिन वो अगर Vallabhbhai Patel कि बात मान लेते तो आज काशमीर मुद्दा ही नही होता। लेकिन कोइ बात नही काशमीर मुद्दा को 2019 में हमारे प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी ने समाप्त कर दिया है धारा 370 हटा के।
27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ा जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई।